एपीड्यूरल
एपिड्यूरल प्रसव में दर्द से राहत के लिए सबसे प्रभावी औषधीय रूप हैं। दर्द से राहत की यह विधि केवल एक एनेस्थेटिस्ट द्वारा प्रसूति यूनिट (लेबर वार्ड) पर दी जा सकती है।
एपिड्यूरल एक विशेष प्रकार का एनेस्थेटिक है जिसे पीठ में इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है, जिससे मस्तिष्क में पीड़ा के आवेगों को ले जाने वाली नसों को सुन्न कर दिया जाता है। एक बार पहली खुराक देने के बाद, इसे काम करने में लगभग 20 मिनट का समय लगता है, फिर आप या आपकी दाई आपको दर्द मुक्त रखने के लिए आवश्यकतानुसार दवा को टॉप-अप करेंगे।
एक एपिड्यूरल आमतौर पर दर्द से प्रभावी राहत प्रदान करता है, हालांकि कुछ महिलाओं के लिए यह हर बार पूरी तरह से काम नहीं करता है, और इसे समायोजित करने या फिर से लगाने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको एपिड्यूरल दिया गया है तो आपको हाथ में एक ड्रिप और निरंतर इलेक्ट्रॉनिक भ्रूण निगरानी की आवश्यकता होगी। कभी-कभी असरदार एपिड्यूरल के साथ भी पीठ के निचले हिस्सें में दबाव महसूस होता है।
कुछ महिलाएं एपिड्यूरल के बाद भी चलने-फिरने में सक्षम होती हैं, जबकि अन्य को यह अधिक कठिन लगता है क्योंकि उनके पैर भारी महसूस होते हैं और उनके वजन को थामे रखने में असमर्थ होते हैं। यदि आप एक एपिड्यूरल के साथ चलना चाहती हैं तो यह आवश्यक है कि एक दाई पहले जांच करे कि आपके पैर काफी मजबूत हैं, और सहारे के लिए किसी को हमेशा आपके साथ चलना चाहिए। कुछ महिलाओं को यूरिन पास करना मुश्किल लगेगा, अगर ऐसा होता है तो आपके ब्लैडर को खाली करने के लिए कैथेटर की ज़रूरत पड़ सकती है। आपके प्रसव की अवस्था के आधार पर, यह कैथेटर जन्म के अगले दिन तक रह सकता है।
एक एपिड्यूरल आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसकी भी नियमित रूप से निगरानी करने की आवश्यकता होगी। एक एपिड्यूरल होने से प्रसव का दूसरा चरण अधिक लंबा हो सकता है, और आपकी अस्सिटेड जन्म की आवश्यकता की संभावना बढ़ सकती है। इससे खुजली या कंपकंपी भी हो सकती है। एपिड्यूरल के अन्य खतरों में गंभीर सिरदर्द या कभी-कभार नर्व डैमेज़ शामिल है।
